दुनिया भी कितनी विचित्र है। यहाँ हम गाँधी जी के सिद्धांतों की बात कर रहे हैं, और वहाँ हमारे राजनेता इसी बात पर उलझे हैं, कि बापू के अन्तिम शब्द क्या थे? उनके पोते ने तो मात्र "हे रा" ही सुना था और गोडसे के अनुसार उन्होने सिर्फ "हाय" कहा था। लेकिन उनके अन्तिम शब्दों के विवाद में उलझे लोगों ने वो नहीं सुना, जो गाँधी जी ने जीवन पर्यंत कहा।
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